Thursday, April 9, 2009

जनता से केवल उचित प्रत्याशी के लिए वोट देने का निवेदन

वर्तमान चुनाव का पहला दौर १६ अप्रैल से शुरू हो रहा है ,चुनाव में अनेकों मुद्दे है पर देश की सुरक्षा के लिए आतंकवाद और देश की अर्थ व्यवस्था का मुद्दा सबसे अहम् है ,जिसके लिए जनता को सभी पार्टियों के ट्रैक रिकार्ड को देखना और समझना होगा । हमको प्रत्याशी के चयन के लिए कई बातों पर गौर देना होगा। इसमे सबसे पहले हमें देखना होगा की प्रत्याशी दल -बदलू न हो,दूसरी उसमें जन सेवा की भावना हो,तीसरी वह अवसरवादी न हो ।इन सभी के आधार पर प्रत्याशी का मूल्यांकन करने,उसके बाद ही आप उसी प्रत्याशी को वोट दे जिसे इन कसौटियों पर आप खरा पाए , इस सिलसिले में मुझे श्री सूर्य कुमार पांडे,व्यंगकार की इसी चुनाव के सिलसिले में एक रचना बहुत पसंद आई जिसका का उद्धरण नीचे देरहा हूँ : -
चमचों की सुने ,सपने विकास के बुने
जो बाद इलेक्शन भी आए,सूरत पब्लिक को धिख्लाये ।।
जो नकली मरहम नही लगाये ,मुझ वोटर के घावों में,
मैं उसको अपना वोट करूंगा,अबकी चुनाव में,
जनसेवा जिसकी टेक रहे ,जो वचन कर्म में एक रहे,
जो रहा नही अवसरवादी,जो हो दल बदल का आदी,
जो यदा कदा ही सही खड़ा हो,दुःख सुख और अभावों में,
मैं उसको अपना वोट करूंगा अबकी बार चुनावों में,
पार्टियाँ कई वे ही चहरे , सब ऊँचे कलाकार ठहरे,
इनके वायदे चुनावी सब,आऊंगा नही छलावों में,
मैं सोच समझकर वोट करूंगा,अबकी बार चुनावों में
आज बस इतना ही आगे अगली पोस्ट में

1 comment:

  1. This is a nice platform to express the view about the most auspicious ceremony of democracy.We have to think out of the box to change oour surroundings.If not me then who?Isn't it humiliating that the indian brain which is considered best in the world they have to look upon these ideologically,morally corrupt politicians for the development of our nation.Come out of this dynastical thinking. come out of this pseudosecularism.We are electing the MPs not nominating the king or wazirs where dynasty matters.
    Dont get influenced with "political vidooshak".
    Think ,Think, Think and only then vote.
    "Leadership does not always wear the harness of compromise."

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