Tuesday, December 2, 2008

क्या मुंबई में २६-११ की आतंकवादी घटना क्या अमरीका में ९-११ के सामान है ?

विगत एक माह से मैं अपनी घरेलु समस्या के कारण कोई पोस्ट नही दे सका था, जिसके लिए यदि कोई पाठक इस ब्लॉग को पढता है / था, उनसे माफ़ी मागना चाहता हूँ किंतु एक बात और कारण थी जो यहाँ बताना अब चाहूँगा वो ये है की निरंतर आतंकवादी घटनाये जो देश के विभिन्न भागो में हो रही थी उससे बहुत व्यथित था, किंतु भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा उचित कदम न उठाये जाने से दुखी होकर ब्लॉग पर लेखन के नियमित कार्य को करने से अरुचि भी हो गई थी,परन्तु अब जब की मुंबई में २६ नवम्बर को अत्याधुनिक तकनीक तथा महीनों की कठिन तयारी से बड़े पैमाने पर रची साजिश के हो जाने पर एक बार फ़िर अपने पाठको से संवाद स्थापित करने की इच्छा होने के बाद अपनी अभिव्यक्ति को आप से बताने की इच्छा को मैं रोक नही पा रहा हूँ।
मुंबई हादसे की घटना के आप सब गवाह है, इस कारण मुझे उसका पुनः यहाँ विवेचन करना उचित नही है। मैं यहाँ जो मैंने अनुभूति की उसका उल्लेख करना चाहूँगा,जिसका क्रमवार विवरण निम्न प्रकार है :-
१- भारत एक सहृदय राष्ट्र है जैसा की सामान्यतया हिंदू हुआ करता है जो हिंदू स्वभाव है बिल्कुल होबहू भारत राष्ट्र का स्वभाव है यह नई बात नही है। किंतु प्राचीन भारत में आत्म सम्मान की भावना अवश्य थी जो आधनिक भारत में मुझे देखने को नही मिल रहा है। आज हम मौलिक रूप से स्वार्थी क्या घोर स्वार्थी हो गए है की केवल तभी देश के बारे कोई अभिव्यक्ति करते जब हम संकट में अपने को स्वयं पाते है अन्यथा देश में क्या हो रहा है उसके viशय में नही सोचते ।