Wednesday, July 7, 2010

पेट्रोल और डीजल की केंद्र सरकार द्वारा बढाई गयी कीमतों का औचित्य समझ के बाहर

विगत सप्ताह के पूर्व केन्द्रीय सरकार द्वारा पेट्रोल,डीजल,सी०एन०जी० तथा घरेलू गैस की कीमतों में वृद्धि की गई किन्तु आश्चर्य का विषय है कि वर्तमान में क्रूड आयल का अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में मूल्य ७२ डालर प्रति बैरल है, एक बैरल  १५८.९९ लीटर का होता है,आज डालर के मूल्य के अनुरूप लगभग २१.५० रुपया प्रति लीटर क्रूड आयल है जिसपर लगभग ५.५० से ६ रुपया प्रति लीटर रीफैनिंग के चार्जेस होते है अर्थात कुल मूल्य अधिकतम रुपया २७.५० प्रति लीटर होता है ,जिसपर ७.५ प्रतिशत की दर से कस्टम देय है .किन्तु सरकारों  की मेहरबानी से राज्य में ५४ रुपया से अधिक मूल्य पर पेट्रोल की बिक्री हो रही है,इस तरह से उत्पादन मूल्य से दो गुना से अधिक मूल्य उपभोक्ता से वसूल किया जा रहा है,जिसका औचित्य आम नागरिक की समझ के बाहर है, मैंने उपर्युक्त उदहारण विदेशों से आयातित तेल की गणना की इसमें देश में उत्पादित तेल सम्मिलित नहीं है .ऐसा प्रतीत hota है की वर्तमान   की केन्द्रीय  सरकार  अपने  उद्देश्य  से भटक  गयी  है और  welfare state के रूप  में कार्य  नहीं  कर  रही है.जिसके विरुद्ध जनता और राजनीतिक दलों का दायित्व है की अपनी आवाज़ सरकार के कानों तक पहुचाये.