Monday, September 28, 2009

राहुल का भारतीय राजनितिक क्षितिज पर उदय का महत्त्व

भारतीय राजनीती में श्री राहुल गाँधी जैसे युवक का उदय प्रवेश कई वर्षों पूर्व अवश्य हुआ था किंतु उनके द्वारा जिस प्रकार की दृढ़ता और गहरा रुझान देश और देश वासियों विशेष रूप से मध्य और निम्न वर्ग के नागरिकों की वास्तविक समस्या को समझने के लिए उनका प्रयास प्रशंसनीय है ,अभी हाल ही में जिस तरह उनके द्वारा अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना उत्तर प्रदेश के अत्यन्त पिछडे जिलों बहराइच,बाराबंकी का दौरा बिना प्रदेश सरकार की सूचना दिए बिना किया उससे उनकी इस उत्कंठा का पता चलता है की गरोबों और किसानों और पिछडे क्षेत्रों की सीधी जानकारी वह प्राप्त करना चाहते हैं जो बिना किसी लग लपेट के हो ,उस हेतु उनका कार्य अत्यन्त सहनीय है ,इस विषय पर प्रदेश सरकार की चिंता अर्थहीन लगती है,जो सरकार ने अपने आगमन की सूचना सरकार को न देने की थी।
सामान्य रूप से अपने देश में जिस तरह से समस्या की जानकारी प्राप्त करने की शासकीय तरीका है वह नौकरशाही के मध्यम से है जो नौकर शाहों की लापरवाह रवैया के कारण सही न होने की वजह से राहुल जी ने जन समस्या से सीधे जुड़ने का प्रयास बहुत बहुत सराहनीय है ,जो आज तक के ६२ वर्षों के इतिहास में विशिष्ट है।
मैं राहुल जी के विरोधियों जो इसे नाटक या नौटंकी कहते हैं उनसे पूछना चाहूँगा की क्या यह नौटंकी उनकी पार्टियों के नेताओं को करने से किसने रोका था।