Monday, March 15, 2010

भारत की जीवन दायिनी गंगा को बचाना देश की पहली प्राथमिकता

आज जब देश आर्थिक प्रगति के पथ पर विश्व के अन्य समृद्ध राष्ट्रों से प्रतियोगिता में है ऐसे में देश की वास्तविक प्रगति तभी होगी जब देश का किसान समृद्ध होगा,जिसके लिए जरूरी होगा कि देश की जीवन दायिनी गंगा को बचाने के लिए हम सब एक होकर इसके लिए ठोस प्रयास नहीं करेंगे .जिसके लिए मेरा सुझाव है कि सबसे पहले देश के बहुसंख्यक धार्मिक आस्था के समुदाय के लोगों को इसके लिए कुछ त्याग करना होगा,जैसा कि शाश्त्रों में गंगा के दर्शन मात्र से मुक्ति प्राप्त होती है,तो हम सभी सनातन धर्मावलम्बियों को गंगा को बचाने के लिए गंगा जी के सम्मान के लिए गंगा जी में स्नान का त्याग करना होगा और केवल आचमन कर और दर्शन से मुक्ति की भावना के अनुरूप आचरण करना होगा , यदि हम सब दृढ सकल्प कर ले तो गंगा जी की सफाई और शुद्धता के लिए सही प्रयास होगा.मैं चाहूँगा कि इस गंभीर समस्या पर मेरे विचार पर सुधि पाठक अपना विचार अवश्य व्यक्त करें.

Friday, March 5, 2010

हांकी की प्रगति के लिए और अधिक प्रयास की जर्रूरत

वर्षों बाद देश के लोगों को हांकी की सुध आयी जो एक सकारात्मक कदम था,जिसके चलते विश्व कप का आयोजन इस समय दिल्ली में चल रहा है, प्राम्भिक मुकाबले में भारत की टीम ने अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को ४-१ से पराजित किया परंतु विश्व हांकी फेडेरशन में जो एशियाई हांकी को समाप्त करने का सिलसिला वर्षों पहले प्राम्भ हुआ था उसी के कारण विश्व फेडरेशन में आज भी भारतीय प्रतिनिधित्व नहीं है जिसकी साजिश के तहत भारत की टीम के एक अत्यंत महत्वपूर्ण खिलाडी शिवेंद्र सिंह को दो मैचों के लिए बिना किसी शिकायत के और बिना रेफरी तथा एम्पायर के निर्णय के हुए, निष्कासित कर दिया गया जिससे टीम की लय बिगड़ गयी,और टीम आष्ट्रेलिया और स्पेन की टीमों से हार गयी। परंतु बहुत घबराने की बात नहीं वर्षों बाद आम जनता ने हांकी के खेल को पुनः हाथों हाथ लिया है यह एक शुभ लक्षण है ,आगे देश की टीम और अच्छा प्रदर्शन करेगी ,इस बात का विश्वास अवश्य हो गया है।

महिला आरक्षण स्वागत योग्य कदम

आगामी ०८ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के शुभ अवसर पर संभवतः केन्द्रीय सरकार राज्य सभा में ३३ प्रतिशत महिला आरक्षण का विधेयक प्रस्तुत करने और उसे सदन से पारित करने की भूमिका एक स्वागत योग्य कदम है। जिसके लिए सत्ताधारी दल के सदस्यों ,भारतीय जनता पार्टी ,और साम्यवादी दलों का सहयोग उन्हें प्राप्त होरहा है,बिल पास करने में इन दलों का महत्वपूर्ण सहयोग भी स्वागत योग्य है। वैसे महिलाएं देश और विश्व की आधी दुनिया मणी जाती हैं,हमें उन्हें ५० प्रतिशत आरक्षण देना चाहिए । परंतु शुरुआत के रूप में ३३ प्रतिशत आरक्षण स्वागत योग्य है।

Wednesday, March 3, 2010

मंहगाई पर नियंत्रण के विपरीत केन्द्रीय बजट से और बढ़ने की सम्भावना

फरवरी की २६ तारिख को जब केन्द्रीय बजट पेश करने वित्त मंत्री श्री प्रणब मुख़र्जी लोक सभा में आये उस समय देश के सभी आम नागरिक ,उद्योपति,अर्थशाष्त्री पेशो पेश में थे कि माननीय वित्त मंत्री महोदय आगामी वर्ष के बजट में क्या-क्या सौगात देने आये है परंतु आशा के विपरीत बजट के प्राविधान से देश पर आगामी वर्ष के आरम्भ से ही मंहगाई बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी।पेट्रोल,डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि से पेट्रोल और डीजल के मूल्य में बजट की मध्य रात्रि से ही मूल्य वृद्धि होगई । अगले दिन यु० पी० ए० के सहभागी दल तरीन मूल कांग्रेस की अध्यक्ष सुश्री ममता बनर्जी ने कोल्कता में ऐसा माहौल बनाया कि वे केंद्र सर्कार को बढे मूल्ल्य रोकने की पहल करेंगी परंतु वापस दिल्ली पहुचने पर उनके तेवर भी ठंढे पड़ गए और बाद में प्रधान मंत्री और यु० पी० ए० की चेयर पर्सन श्री मति सोनिया गाँधी ने भी पेट्रोल और डीजल पर बढ़ाये गए दरों में कोई कमी नहीं करने की बात कर दिया है। इससे पूरे देश में एक बार फिर महगाई वृद्धि का नया क्रम शुरू हो जायेगा। जो शासक दल के पक्ष के विपरीत जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता में बैठे लोगों ने आम आदमी और इस देश की कृषि अर्थ व्यवस्था को नष्ट करने का बीड़ा उठा लिया है। परंतु सबसे महत्त्व पूर्ण तथ्य यह है कि इन अप्रजातांत्रिक निर्णयों के बाद भी देश की जनता की कानों पर जूनnअहिं रेंग रही है और विपक्षी दलों ने प्रारंभिक एकता प्रदर्शन जिसके तहत उनके द्वारा बजट भाषण का सामूहिक सदन से बहिष्कार के अतिरिक्त अन्य कोई परिणाम सामने नहीं आया ,इसे विडंबना के अतिरिक्त और कुछ नहीं कहा जा सकता है,देश में शासक और शासित का यह आचरण देश के लोगों के ईश्वर में घोर आस्थावान होने को प्रदर्शित कर रहा है।देखें कब तक इस तरह की स्थिति बनी रहती है।

Tuesday, March 2, 2010

विलम्ब के लिए क्षमा याचना

मित्रों विगत ०१ दिसम्बर इ बाद से मैं ब्लॉग पर कुछ लिख न सका जिसका कारण मेरा अस्वस्थ होना था,दिसम्बर के प्रारंभ से ही मैं घुटने के दर्द के कारण बहुत परेशान था जिस कारण मैं आप सब से अपने विचारों की अभिव्यक्ति नहीं कर सका।जिसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ और आशा करता हूँ कि आप मुझे माफ कर देंगे। अब स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है,अब कुछ ही दिनों में विचारों की अभिव्यक्ति शुरू कर दूंगा। इस अवधि में बहुत सी राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय घटनाएँ हुई जिनका आने वाले समय में संसार में काफी ज्यादा प्रभाव होना प्रायः निश्चित है। जिस पर विचारों का आदान प्रदान अनिवार्य है। एक सजग नागरिक और चिन्तक के लिए इन विषयों पर विचार व्यक्त कर देश और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा सर्वदा उचित है।
कृपया प्रतीक्षा करें।