Saturday, May 30, 2009

केन्द्रीय मंत्रिमंडल में प्रांतीय संतुलन का अभाव

१५ वीं लोकसभा के गठन की प्रक्रिया पूरी हो गई श्री मनमोहन सिंह जी के नेतृत्त्व में केन्द्रीय मंत्रि मंडल के गठन हो गया परन्तु यू पी गठबंधन के घटक दलों विशेष रूप से डी० एम्०के० और त्रिन मूल कांग्रेस के दबाव के कारण देश के सभी प्रान्तों को मंत्रिमंडल में समुचित प्रतिनिधित्व नही मिल सका ।जैसे तमिलनाडु में ७ से अधिक मंत्री बनाये गए जबकि आन्ध्र प्रदेश से ३० से अधिक संसाद चुने जाने के बाद भी केवल एक मंत्री बनाया गया इसी तरह उत्तर प्रदेश से कैबिनेट में एक भी स्थान नही दिया गया वहीं बिहार से कोई मंत्री नहीं बनाया गया । जिसका कारण संभवतः गठबंधन के दलों को संतुष्ट करने के कारण हुआ जिसके कारण बाधा आई जो लोकतंत्र के लिए ठीक लक्षण नही है ,फिर भी मैं नए मंत्रि परिषद् के सदस्यों और कांग्रेस नेतृत्त्व को अपनी शुभ कामना देता हूँ कि देश में व्यवस्था निर्माण के कार्य को आगे बढाते हुए देश के तत्काल व्याप्त समस्या जैसे मंदी,महगाई ,बेरोजगारी और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा आतंकवाद की लडाई सफलता पूर्वक लड़ने में सक्षम हो। कांग्रेस ने सरकार गठन के १०० दिनों में मंदी और महगाई पर प्रभावी नियंत्रण का वादा और चुनाव घोषणा पत्र में और भी जो वादा किया गया है किया है उन्हें पूरा का समय गया है।

No comments:

Post a Comment

HTML