Sunday, May 24, 2009

क्या भारत में RULE OF LAW है

भारतीय संविधान के गठन के समय देश में RULE OF LAW की बात की गयी थी किंतु वास्तव में देश में कानून का शासन केवल मध्यम और कमजोर वर्ग के लिए है ,किंतु अब तक कानून के विरुद्ध कार्य करने के बाद भी किसी भी उच्च पदस्थ व्यक्ति पर कभी भी कार्यवाही नही की गई, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण श्री करुणानिधी ,मुख्य मंत्री,तमिलनाडु हैं ,श्री करुणानिधी के सम्बन्ध में कल एक टी०वी० चैनल ने दिखाया कि उनकी तीन पत्नियाँ हैं जिनसे उत्पन्न संतानों को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की शर्त उनके द्वारा कांग्रेस नेतृत्त्व के समक्ष रखा गया था ,यहाँ मैं द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम पार्टी के मंत्री मंडल में शामिल होने सम्बन्धी विवाद पर चर्चा नही कर रहा हूँ,मेरा उद्देश्य केवल उनकी तीन पत्नियों के सम्बन्ध में है ,जो उनके एक हिन्दू होने के कारण अवैधानिक है ,जो एक प्रकार से हिन्दू विवाह अधिनियम का के अर्न्तगत गैर कानूनी कार्य है और इसके आधार पर उन्हें किसी भी संवैधानिक पद पर बने रहने का अधिकार नही है ,किंतु वर्षों तक इस तथ्य को उनके द्वारा छिपाया गया जो अपराध को और गंभीर बना देता है ,अतः यदि अब उनके द्वारा स्वयं पद का त्याग नही किया जाने पर उनको राज्यपाल द्वारा बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए ,यदि वे राजकीय सेवा में होते तो उन्हें सेवा से अवमुक्त अवश्य कर दिया गया होता ,इस विधिक विषय पर मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय और भारत सरकार के विधि मंत्रालय का ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ ।देश की जनता के समक्ष श्री करुनानिधि के द्वारा किए गए गैर कानूनी कार्य को मान्यता देने का ग़लत संदेश जा रहा है ।

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