Thursday, August 28, 2008

लखनऊ नगर में जनता से विश्वासघात

विगत वर्ष सुश्री मायावती के सत्ता के शीर्ष पर आने के बाद जिस विश्वास के साथ सर्वजन का नारा दिया गया था किंतु विगत एक साल से उसके अमल में सरकार पूरी तरह से चूक गई ,माना की इस गठबंधन में ६० प्रतिशत दलित समाज का अंश था किंतु ब्राह्मण समाज का भी ४० प्रतिशत योगदान थाअतः जब भी समाज जोड़ने की बात हो वहीं यह भी अनिवार्य है की एक को प्रतिष्ठा संपन्न करने में दुसरे का तिरस्कार का हो जाय ,यहाँ हमने देखा की एक तरफ़ तो ऐसे लोगो को प्रतिष्टा सम्पन्न किया गया जिनकी पहचान ही विद्वेष फैलाने वालो में अग्रणी हैसाथ जो आंबेडकर स्थल /उद्यान का निर्माण भव्य हो सर्वजन समाज श्री आंबेडकर के योगदान की भूरी भूरी प्रशंशा करता है और यह सदैव चाहता रहा है की इनके जितने भी उद्यान मन्दिर बने वो कम ही है परन्तु इस कार्य करने में सरकारी नौकरशाही अति उत्साह का प्रदर्शन महज चापलूसी में करने का कार्य करता है जिसके कारण राजस्व का दुरुपयोग कर गठबंधन को बदनाम करते हैजिसका प्रत्यछ उदहारण गोमती नगर में आई बाढ़ में जिस तरह से जन भावनाओ का उलघन हुआ हुआ है वह एक मिसाल है,हजारो घर जलमग्न है इन इलाको से पानी निकलने के लिए एल० दि० के पास एक पम्प नही था वही उद्यान की सुरक्षा में पम्प एक साथ पानी निकल रहे थे वही पम्प स्टैंड बाई में थे ,दूसरी तरफ़ आम नागरिक त्राहि माम कर रहा था ,सरकार और गठबंधन को इस बात को बहुत चेतावनी और सवेदना से लेना चाहिए ,कहीं ऐसा हो जाय की २००९ के लोकसभा चुनाव में गठबंधन की वाट लग जाय

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