आज मैं अपने देशवासियों और भारत के बाहर बसे भारतीयों को देश के स्वतंत्रता दीवस के पवन अवसर पर अभीनन्दन करता हूँ .मैंने नेट के मध्यम से पहली बार संवाद स्थापीत करने का प्रयास कीया ही. इसलियी यदी कोई त्रुटी हो तो आप सब मुझे क्षमा करेंगे ।
आज का दीन सचमुच आत्मा विश्लेषण का है। यदी हम वीचार करे तो हम पाएंगे की हमने आज़ादी के बाद कितनी प्रगती की है तो हम पाएंगे की वीगत ६१ सालों में हमने जरूर थोडी तरक्की की है पर अब भी हम एक देश के रूप में चीन और जापान तथा इंडोनेशिया आदी देशो की तुलना में अभी पीछे हैं .१९४७ में चीन हमसे काफी पिछड़ा देश था और जापान को दूसरे विश्व युध्ध ने पूरी तरह से नष्ट कर दीया था ,पर इन दोनों देशों ने अनुशाषित रहते हुए आज की उपलब्धी पाई है और हमारे देश में अनुशाशन का सर्वथा आभाव था .साथ साथ महात्मा गांधी के मरने के बाद देश में उस कोटी का आदर्श नही रहा .स्वतंत्रता के साथ आज भी यादी हम सब अनुशाशीत हो जाए तो मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूँ की मात्र ३-४ सालों में परीणाम दिखई देने लगेगा .....
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