Tuesday, September 16, 2008
यू0 पी०ऐ0 के घटक दलो द्वारा आतंकवाद के विरूद्ध कार्यवाही न कर पाने के लिए गृह मंत्री की भर्त्सना
केन्द्रीय सरकार के घटक दलों द्वारा आतंक वाद के विरूद्ध असफल होने के लिए गृह मंत्री श्री शिवराज पाटिल को जिम्मेदार मानते हुए उनको केंद्रीय मंत्री मंडल से हटाने की मांग के स्वर सामने आने लगे है ,जिससे यह अब स्पष्ट हो गया है की भारत सरकार का गृह मंत्रालय किस प्रकार से प्रभाव विहीन हो गया है तथा इसकी कार्य प्रणाली संदिग्ध है। यह एक साद विचार है जिस पर नेतृत्व को तत्काल निर्णय लेना है जिससे जनता में उचित संदेश जाए।
Sunday, September 14, 2008
दिल्ली फिर धमाकों से दहली
आख़िर कब हमारे देश की सरकार आतंकवाद के विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही करने में सफल होगी। इस वर्ष पहले राजस्थान, गुजरात, कर्णाटक और अब दिल्ली में धमाके हुए ,इसके पहले जम्मू कश्मीर में आतंकवादी कार्यवाहियां होती रही और हमारा खुफिया तंत्र शायद कभी सम्बंधित राज्य को मात्र सूचना देकर संतुष्ठ हो जाता है, परन्तु कोई रोक सकने की कोई कार्यवाही करने में सफल नही हो पता है ,अब जब की दिल्ली में और विशेष रूप से नै दिल्ली जो भारत सरकार के सीधे गृह मंत्रालय के नियंत्रण में है,खुफिया तंत्र कोई कार्यवाही नही कर सका यह एक अत्यन्त चिंता जनक बात है साथ ही विचारणीय भी। हम कब कब इन देश द्रोहियों पर कुछ कर पाएंगे। सरकार परमाणु उर्जा के लिए अंतर्राष्ट्रीय समझौता कर बल्लियाँ उछल रही है या यु कहे शेखी बघार रही है कुछ हद तक ठीक भी है किंतु देश यदि आतंकवाद से पीड़ित है तो तरक्की की बात बेमानी है। देश के कर्णधारो को यह छोटी सी बात क्यो समझ में नही आ रही है यह बात अत्यन्त गंभीर है।
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