उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता की प्रदेश के एक मंत्री के विरुद्ध लिखने के लिये एक स्वतंत्र पत्रकार को शाहजहांपुर जिले की पुलिस ने जिन्दा जलाकर मार डाला गया।यह स्थिति अत्यंत सोचनीय है।इसका तातपर्य यह है की जो सरकार के विरुद्ध लिखने की कोशिश करे उसे जीने का हक नहीं है।क्या लोकतंत्र में अब सरकार के विरोध में बोलने और लिखने की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार प्रदेश सरकार ने समाप्त कर दिया है।
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